भाई ने चोदा मुझे छत पर हैप्पी दिवाली बोलकर – Kamukta

“दीदी मुझे गले लगा लो आज दिवाली है, आज मैं हैप्पी दिवाली बोलकर आपको गले लगाना चाहता हु” मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की आखिर मेरा भाई मुझे गले लगाने की बात क्यों कर रहा है, मैं जब से जवान हुई आज मैं 22 साल की हु, मुझे कभी भी इसने गले लगाने की बात नहीं की थी पर कल दिवाली पे इसे क्या हो गया था की मुझे अपनी बाहों में समेटना चाह रहा था. मुझे लगा की आजकल जवान बदल गया है. होस्टल में रहता है और मैं गांव में रहती हु तो हो सकता है की आजकल का ट्रेंड हो. इसलिए मैं रोकी नहीं और गले लगा ली.

रात के आठ बज रहे थे, निचे पूजा पाठ कर के, मैं भाई बहन छत पर दीपक जलाने आ गए थे, मेरा भाई किशोर मेरे से १ साल छोटा है. दोनों मिल कर दिवाली के लिए दिये जला रहे थे, जब मैं बैठ कर दिये की बत्तियां ठीक कर रही थी, उस समय मेरे चोली के (मैं लहंगा और चोली पहनी थी) ऊपर से मेरी चूचियां मेरे घुटनो से दब रहा था इस वजह से मेरी चुइयाँ चोली से बाहर आ रही थी. मेरी चूचियां ऐसे भी बड़ी बड़ी है और उसपर से मेरी चोली का गला ज्यादा कटा होने की वजह से मेरी आधी चूचियां बाहर आ गई थी. शायद वही देखकर उसका मन ख़राब हो गया था और मुझे पाने का प्रयत्न करने लगा.

वो मेरे गदराये हुए बदन को देखकर अपने आप पे काबू नहीं रख पाया और उसकी साँसे तेज तेज चलने लगी, मैंने पूछा की किशोर क्या हुआ है. तो बोला की दीदी पिछले साल जब मैं दिवाली पे नहीं आ सका था तब मैंने आपको बहूत ही ज्यादा मिस किया, और आज आप बहूत ही सुन्दर लग रही हो, आपसे इतना सुन्दर इस दुनिया में कोई नहीं है. मेरी दीदी जहा जाएगी वह पर खुशियां ही खुशियां होगी. दीदी आज प्लीज मुझे आप गले से लगा लो. मैं अवाक् रह गई. फिर सोची की चलो आजकल तो गले लगाना बड़ा आम बात है इसमें शायद कोई बुराई भी नहीं है. मैंने अपनी बाजु फैला दी, और वो एक आंधी के तरह आया और मेरे सीने से चीपक गया, मेरे शरीर में भी एक नया एहसास हुआ और मैंने भी उसको जकड लिया.

किशोर मेरे पीठ को सहलाते हुए, आई लव यू दीदी, हैप्पी दिवाली कहा मैंने भी उसको विश की, पर उसकी जो पकड़ थी, वो कुछ और आगे बढ़ गई, वो मुझे अपने से समा लेना चाहता था, छत पर उस समय एक ही दीपक जलाई थी, विजली नहीं थी. माँ और पाप निचे थे, उन्होंने आवाज लगाया की बेटा कितना टाइम लगेगा, मेरे भाई बोल दिया की पापा जी अभी आधे घंटे लगेंगे, उन्होंने कहा की ठीक है, मैं और तुम्हारी मम्मी अभी गुप्ता जी के यहाँ से आ रहे है उनका गिफ्ट देके. दोस्तों इतना सुनते ही, मेरा भाई उस दीपक को बुझा दिया, ताकि दूर से किसी को दिखई नहीं दे, और मुझे फिर से जोर से बाहो में भर लिया, वो पानी के टंकी के पास ले गया, वह एक और दिवार था और दूसरे और टंकी, यानि की किसी को भी दिखई नहीं दे सकता था

और वो मुझे अपने और खीचते हुए कहा, दीदी आई रियली लव यू, मैंने कहा किशोर ये सब ठीक नहीं है. दिवाली का विश ऐसा भी नहीं होता है. किशोर बोला हां मुझे पता है ऐसा नहीं होता है पर प्लीज मुझे मत रोको, वो मेरी चूतड़ को सहलाने लगा, दोस्तों आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. मैंने भी अपने आप को रोक नहीं सकी और मैंने भी उसको वासना भरी बाँहों में उसको जकड लिया, वो मेरी होठ को चूसने लगा, उसकी साँसे तेज हो चुकी थी, मैं भी गरम हो रही थी. मैंने भी उसके बाल पकडे और उसके होठ को चूसने लगी. वो मेरी चूचियों को ऊपर से ही दबाने लगा. मैंने पीछे से डोरी खोल दी. ब्लाउज ढीला हो गया, मैंने कहा हाथ नीच डाल लो. उसने मेरे चूच को दबाना शुरू कर दिया, उसके हाथ में मेरी चूचियां नहीं आ रही थी. वो ऊपर से जितना पकड़ पा रहा था वो पकड़ रहा था.

मैंने कहा आई लव यू, किशोर हैप्पी दिवाली, किशोर बोला काश ऐसी दिवाली हमेशा आये. और वो मुझे घुमा दिया, और मेरी गांड पर वो लैंड रगड़ने लगा. मैंने पीछे से उसके सर को पकड़ ली. वो मेरी चूचियों की पीछे से पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगा. मैं बुरी तरह से वासना में भर गई थी. उसने मेरी लहंगा को निचे से ऊपर कर दिया, मुझे उसने घोड़ी बना दिया. और फिर उसने मेरी पेंटी को थोड़ा सरका दिया, और फिर अपने लंड पर थूक लगा कर, मेरी चूत के ऊपर रखा, पर अँधेरे की वजह से उसको ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था उसके उसका धक्का बेकार गया. उसके बाद मैंने उसका लंड पकड़ कर, अपने चूत पे सेट की, और मैंने कहा अब डालो. और उसने एक जोर से धक्का दिया. और उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर समा गया. अब वो मेरी चूतड़ पे थापड़ मार मार कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा.

दोस्तों उसका लंड बहूत ही ज्यादा मोटा था इसलिए मेरी चूत काफी टाइट थी. तो दर्द भी हो रहा था. और पर मुझे बहूत मजा आ रहा था. मैंने भी उसको मदद करने लगी. मैंने भी पीछे से धक्के दे रही थी और वो दोनों हाथो से फिर चूचियों को पकड़ लिया और मुझे चोदने लगा. मैं बहूत ही कामुक हो गई थी. मेरे मुह से सिर्फ आह निकल रही थी.

दोस्तों करीब दस मिनट में भी उसने मेरा हालात ख़राब कर दिया, और वो मेरे चूत में ही अपना सारा वीर्य डाल दिया. मैंने भी निढाल हो गई और वो भी निढाल हो गया. फिर उसने मुझे गले लगाया और हैप्पी दिवाली बोला. तभी निचे दरवाजा खुलने की आवाज आई और फिर हम दोनों दीपक जलाने लग गए.

दोस्तों दिन भर तो बस तिरछी नजर से ही काम चला क्यों की आज घर में दिन भर छुट्टी होने की वजह से मेहमान आये था इसलिए कुछ ज्यादा नहीं हो पाया था पर आशा करती हु की आज रात को फिर कुछ ना कुछ होगा. पर जो कल रात को हुआ था बहूत ही सेक्सी था. काश मेरा भाई मुझे ऐसा ही प्यार करता रहे.